Monday, December 18, 2017

हमेशा याद रहेगी बक्सर की सोणी सोणी सोन पापड़ी

#टेस्टऑफबिहार: पटना

बक्सर. गंगा के तट पर बसे इस शहर के इतिहास के साथ बिहार ही नहीं पूरे भारत का इतिहास जुड़ा हुआ है. इस शहर में 1764 में बंगाल के नवाब शुजाउद्दौला और अंग्रेजों की सेना के बीच ऐसी लड़ाई हुई जिसने इंडिया में अंग्रेजी साम्राज्य के विस्तार की नींव रख दी. नवाब ने अपनी गलतियों के कारण ना केवल सत्ता खोयी बल्कि अंग्रेजों को बिहार और बंगाल पर शासन करने की चाबी भी थमा दी. इसी शहर में गुरु विश्वामित्र का आश्रम भी था और इसी शहर में वेद के रचयिताओं की भी मंडली के निवास का इतिहास है. अब इसी शहर की सोन पापड़ी से कौन नहीं परिचित है? आप मुगलसराय रेल खंड के जरिये बिहार का सफर करते हों या फिर बिहार से बाहर जा रहे हों यहां की सोन पापड़ी आपको इतनी लुभाती है कि इसके स्वाद का मोह आप संवरण नहीं कर पाते हैं.
बदरी और महर्षि की सोन पापड़ी के कद्रदान हजार
यूं तो बक्सर की पापड़ी मशहूर है ही लेकिन स्टेशन रोड के पास बदरी पापड़ी भंडार और महर्षि मिष्ठान्न भंडार की सोन पापड़ी के कद्रदान ढेरो हैं. यहां की पापड़ी में एक ऐसी मिठास है जो अनूठी है. आपके पास घी और रिफाइंड की सोनपापड़ी का भी ऑप्शन मिल जाता है. स्टेशन रोड और यमुना चौक इलाके में पापड़ी के दर्जनों दुकान हैं जहां पर हर ग्राहक को शौक़ से मिठाई खरीदने के पूर्व मिठाई बकायदा प्लेट में खिलाई जाती हैं. यह परंपरा आज भी कायम हैं. यह मिठाई के साथ प्यार का घुला हुआ मिठास होता है जो यहां के दुकानदार साथ में दे देते है.
100 रु प्रति किलो से 250 रुपये तक की है दर
बक्सर में आपको 100 रुपये किलो से लेकर 250 रुपये किलो तक सोन पापड़ी मिलेगी. यहां के स्वाद के कद्रदान राघव उपाध्याय बताते हैें कि रिफाइंड वाले सोन पापड़ी की दर 160 रुपये किलो से लेकर 200 रुपये तक है और घी से बने सोनपापड़ी की कीमत 200 रुपये से 250 रुपये किलो तक. यहां लोग शादी-ब्याह, गिफ़्ट व पूजा नेवता आदि के लिए लोग मिठाई खरीदते हैं. यहां के कारीगरों ने बक्सर की सोन पापड़ी को जन सुलभ बनाकर इसकी प्रसिद्धि को और ऊंचाई दी है.
प्रभात खबर में 17 दिसंबर 2017 को प्रकाशित मेरी रिपोर्ट -Ravi
http://epaper.prabhatkhabar.com/c/24629869

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