Saturday, January 6, 2018

खईब त बुझईतब कइसन हव बाढ़-धनरुआ के लाई!



-पटना जिले में है बाढ़ और धनरुआ, दोनों जगहों की लाई का स्वाद है बेहतरीन
पटना.

पटना जिले के बेहतरीन स्वाद का जिक्र करें और उसमें अपनी लाई ना शामिल हो, ऐसा हो ही नहीं सकता. पटना का अनुमंडल बाढ़ और धनरुआ कस्बे की लाई बड़ी प्रसिद्ध है. अगर आप पटना से गया की ओर जा रहे हैं तो धनरूआ और पटना से मोकामा की ओर जा रहे हैं तो बाढ़. दोनों रास्ते से गुजरने वाले यहां के खोये और मावे की लाई ज़रूर चखते हैं. बाढ़-धनरूआ की खोये और लावा की लाई इतनी लाजवाब है कि इसकी मिठास आपको काफी दिनों तक याद रहेगी. बाढ़ और धनरूआ में मुख्य रूप से मिलने वाली इस लाई की मांग दूसरे राज्यों तक है. करीबन 20 सालों से लाई बेच रहे दुकादार सुभाष राय बताते हैं कि यहां लोग संदेश के रूप में लाई मिठाई को अपने सगे-संबंधियों को भेंट स्वरूप देते हैं। इस रास्ते से गुज़रने वाले ज्यादातर लोग इस मिठाई को अपने परिवार वालों के लिए ले जाते हैं. यहां लाई की मांग इतनी ज्यादा है कि अब दूसरे राज्यों में भी लोगों ने इस बनाना शुरू कर दिया है.
बाढ़ में सौ साल पहले रामदहीन साव ने शुरू किया था कारोबार
लाई का स्वाद है बेहतरीन
बाढ़ के चोन्दी पर रामदहीन साव के दुकान से 100 साल पहले लाई बनाने की शुरूआत हुई थी. इसके बाद धीरे धीरे इसे उद्योग का रूप ले लिया. कम से कम 50 दुकान से ज्यादा तो केवल बाढ़ में है. यहां रामदहीन साव की तीसरी पीढ़ी काम कर रही है. अभी भी पुराने जानकार रामदहीन साव के यहां से जाकर लेते हैं. बाढ़ के प्रसिद्ध दुकानदार ओपी सिंह, जेपी सिंह और जलेश्वर सिंह कहते हैं अभी मावा की लाई 200-240 रुपये प्रति किलो मिलता है. इसके साथ ही सामान्य लाई 140 रुपये से 300 रुपये किलो की दर में मिलता है. कच्चा लावा का लाई महंगा होता है वह 280-300 के आसपास मिलता है. बाढ़ की लाई के कद्रदान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद भी रहे हैं.
धनरुआ की रामदाना लाई है शानदार
पटना-गया हाइवे के बीच स्थित धनरूआ के एक लाई दुकानदार सुभाष राय ने यहां की प्रसिद्ध मिठाई लाई का बखान करते हुए कहते हैं- ‘‘हमारी यहां की लाई को खाने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग आते हैं. वो खुद तो खाते ही हैं, अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के लिए भी पैक करा कर ले जाते हैं. आप भी यह रामदाना नाम से विश्व प्रसिद्ध लाई खाएंगे तो इसके दीवाने हो जाएंगे. लोग हमारे पास आकर इस बनाने की विधि पूछकर जाते हैं.
ऐसे बनती है लाई-
बाढ़-धनरूआ की प्रसिद्ध लाई बनाने के लिए माढ़ा, दानेदार फसल, खोया, चीनी, काजू आदि सामग्रियों की ज़रूरत पड़ती है. सबसे पहले खोया तैयार किया जाता है. फिर इस खोये में माढ़ा, चीनी, किशमिश, काजू आदि मिलाकर इसे गोल आकार में लपेट दिया जाता है. इस कुछ समय तक सुखाया जाता है. अब लाई खाने के लिए तैयार है.
प्रभात खबर में 7 जनवरी 2018 को प्रकाशित: http://epaper.prabhatkhabar.com/c/25183802

No comments:

Post a Comment