Saturday, June 9, 2018

गुलाब जामुन का बिहारी संस्करण है पनतुआ

-मगध ही नहीं मिथिला में है बेहद प्रसिद्ध
टेस्ट ऑफ बिहार, पटना

जब भी हम भारतीय स्वाद की बात करते हैं तो हम सबको यह पता है कि हमारा स्वाद ग्लोबल है. विदेशियों के भारत आने और रहने के साथ ही यहां का जायका और व्यापक होता रहा. विदेशियों के साथ आने वाले कुछ मिठाइयों के स्वाद यहां खाने वालों को इतने पसंद आए कि हर शहर के लोग उन्हें पसंद करने लगे. गुलाब जामुन भी ऐसी मिठाइयों में शामिल है. गुलाब जामुन का नाम लो और मुंह में पानी ना आए ऐसे हो ही नहीं सकता. हमारे देश में मिठाइयों को ले कर नये नये प्रयोग होते रहे हैं. हम बिहार वालों ने भी अपने स्वाद को लेकर खूब प्रयोग किये. गुलाब जामुन का बिहारी संस्करण पनतुआ हम सबको याद होगा. मगध हो या मिथिला. यह स्वाद हमें अनेकों शहरों में मिलता रहा है.
ईरान से हिंदुस्तान आया गुलाब जामुन और बंगाल से बिहार पहुंचा पनतुआ
स्वाद के जानकार कहते हैं कि पनतुआ हमारे यहां बंगाल से पहुंचा. 1912 के पहले हमारा बिहार भी बंगाल का ही एक हिस्सा था. मिथिला से होते हुए मगध की इस यात्रा ने लंबा पड़ाव तय किया है. वैसे यह जानना दिलचस्प है कि गुलाब जामुन मिठाई भू-मध्यसागरीय देशों अौर ईरान से आयी थी जहां इसे लुक़मत अल क़ादी कहते हैं. लुक़मत अल क़ादी आटे से बनाया जाता है। आटे की गोलियों को पहले तेल में तला जाता है फिर शहद की चाशनी मे डुबाकर रखा जाता है. फिर इसके ऊपर चीनी छिड़की जाती है लेकिन इसके भारतीय संस्करण में कुछ बदलाव किए गए. पनतुआ काला जामुन का एक अलग रूप है, जो बिहार में बेहद प्रसिद्ध है. मीठा गहरा तला हुआ यह जायका हमें हमारे प्रयोगों के बारे में गर्व करने को भी कहता है. मावा, चीनी और दूध से बने खासमखास 'पनतुआ' का साइज छोटा है लेकिन टेस्ट में अपने गुलाब जामुन से बीस समझिए.

1 comment:

  1. धन्यवाद सर!मैंने आज इसका नाम सुना और सर्च किया /आप द्वारा जानकारी मिली।

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