Saturday, November 17, 2018

टेस्ट ऑफ बिहार: आद्रा नक्षत्र में हर दिल अजीज दालपूरी, आम और खीर

रविशंकर उपाध्याय4पटना. 
जेठ महीने में जब सूरज आंखे तरेर रहे हैं, लोग बाग परेशान हैं तो वैसे में आद्रा नक्षत्र का प्रवेश कई उम्मीदें जगाता है. आद्र से बना आद्रा नक्षत्र बहुत कुछ अपने साथ लेकर आता है. बिहार में मॉनसून के आने का समय होता है, बरखा रानी की आहट गर्मी की तपस को कम करती है और किसान फसल का पूर्वानुमान कर लेते हैं. यह मौसम बिहार के खास जायके का भी होता है. इस नक्षत्र में बिहार के घर-घर में बहुत कुछ खास बनता है. यदि आप बिहारी हैं तो आद्रा आते ही आपको जरूर याद आता है दालपूरी, खीर और आम का. हर घर में इस नक्षत्र में दाल की पूरी बनेगी ही बनेगी. दालपुरी के साथ खीर बनता है और अभी बाजार के साथ हर घर में तो रसीले आम हैं ही. बिहार का मालदह और जर्दालु आम इस टेस्ट को खांटी बिहारी बना देता है. इसके साथ आलू की रसेदार सब्जी जायके को बेहद खास बना देती है.
सैंकड़ों सालों से जारी है परंपरा, बारिश का जायके से सम्मान
बिहार में आद्रा नक्षत्र के दौरान इस खास जायके को बनाने और खाने की परंपरा सैंकड़ों सालों से अनवरत जारी है. यह हमारी उत्सव धर्मिता को भी बयान करता है. जानकार बताते हैं कि इस नक्षत्र के दौरान बारिश का आगमन हो जाता है. बिहार की संस्कृति में बारिश बेहद महत्व रखती है. बारिश के आगमन से ना केवल बिहार की उर्वर भूमि पर बेहतरीन कृषि कार्य की संभावना बलवती होती है बल्कि बारिश को लगातार बनाये रखने के लिए भी घरों में दालपूरी, खीर और आम बनाया जाता है. इंद्रदेव को भोग लगाने के बाद इसे घरों में सपरिवार खाया जाता है. उनसे कामना की जाती है कि बरसात यूं ही हमारे यहां होती रहे ताकि बेहतर कृषि की पूंजी से समाज रोशन होता रहे. 

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