Friday, November 30, 2018

सोनपुर मेला: सात दिन, सात विदेशी सैलानी और सात बिहारी जायका


-विदेशी टूरिस्टों को भा रहे बिहारी स्वाद, तवा रोटी और लिट्टी चोखा कर रहे पसंद 
रविशंकर उपाध्याय®सोनपुर 
सोनपुर के पर्यटक ग्राम में सात दिनों में पहुंचे सात सैलानियों को बिहार के सात जायके खूब पसंद आये हैं. वे ना केवल तवा राेटी को पसंद कर रहे हैं बल्कि दाल-भात और सब्जी, लिट्टी चोखा, मखाने की खीर, गुलाबजामुन और बालूशाही का स्वाद भी उन्हें खूब भा रहा है. सात दिनों में यासुनारी नाकामुरा, योजो ओकामोटो, फुकीनो अदाची, हाजीमी ताशीरो, यूकियो वातानाबे, तकानो ओनिशी, माकिको मात्सुदा ने यह सभी स्वाद चखे हैं. विजिट बिहार के एमडी प्रकाश चंद्र यहां आहार नामक रेस्टोरेंट चलाते हैं. वे कहते हैं कि बिहारी स्वाद उन्हें खूब पसंद आया. सूप और नूडल्स के नाश्ते के बाद उन्होंने रोटी वह भी तवा वाला पसंद किया था. चावल प्लेन भी लिया और पीली दाल के साथ पुलाव भी खाया. वे मछली साथ में लाये थे. इंस्टैंट फूड की तरह. सब्जी और चिकेन कढ़ी के साथ मंचूरियन, पालक पनीर का भी स्वाद लिया. पर्यटन विभाग द्वारा तैयार स्वीस कॉटेज के प्रभारी प्रबंधक सुमन कुमार और सहायक प्रबंधक दीपक कुमार बताते हैं कि इस बार विदेशी सैलानियों की संख्या बहुत कम है. पिछली बार 24 विदेशी सैलानी और 16 देसी सैलानी आये थे. वहीं 2016 में 106 पर्यटक आये थे जिसमें 75 फीसदी विदेशी थे. जापान से सबसे ज्यादा, इटली, नीदरलैंड और यूरोप के सैलानी यहां आते हैं. शुरुआती दो सप्ताह में ही विदेशियों की आमद होती है उसके बाद वे नगण्य हो जाते हैं. यानी उनकी मानें तो इस बार पर्यटन विभाग के लिए पिछला आंकड़ा बरकरार रखना एक बड़ी चुनौती से कम नहीं है. 

100 साल से यूपी के बहराईच से आ रहे पापड़ी मिठाई निर्माता
सोनपुर मेले में मुख्य बाजार से चिड़िया बाजार रोड पर पश्चिम दिशा में बढ़िए तो यहां यूपी के बहराइच के कई पापड़ी वाले दिखाई देंगे. यह पापड़ी की कई वैराइटी के साथ-साथ हलवा पराठा और मियां मिठाई बेचते हैं. इन सारी मिठाईयों का यहां शतक वर्ष चल रहा है. बहराइची हलवा-पराठा ऐसे कि देखते ही जी ललच जाए. दाम 140 रुपये किलो. बेसन की स्पेशल पापड़ी 80 रुपये किलो और खजूर की पापड़ी भी इतनी ही कीमत में. बहराइच और उसके आसपास के दो दर्जन से अधिक बुजुर्ग युवक मेले में हलवा-पराठा बेच रहे हैं. बहराइच से आये वारिस अली जिनकी उम्र 75 साल है वे कहते हैं कि दो पुश्त से वे यहां आ रहे हैं. उनकी उम्र ही निकल गयी इसके पहले इनके पिता और दादा भी सोनपुर आते थे. इनके अलावा बहराइच के तीन और परिवार यहां इस कारोबार के लिए पहुंचते हैं.

झारखंडी अचार ला देगा मुंह में पानी 
सोनपुर मेले में झारखंड के विभिन्न शहरों से आये लोग आपके मुंह में पानी ला देंगे. इसका कारण यह है कि यहां पर 20 तरह के अचार मिल जायेंगे. आपको आंवले का पंसद है या ओल का? बांस का या फिर आम का? सभी मिला कर चाहिए तो वह भी हाजिर है. कीमत है 120 रुपये किलो से लेकर 150 रुपये तक. इस कीमत में आपके लिए गोड्डा, साहेबगंज, चतरा और दुमका से पहुंचे अचार के स्पेशल विशेषज्ञ मुंह खट्टा कराएंगे. दुमका जिले के बासुकीनाथ से आये रामानंद मंडल कहते हैं कि आप जो भी अचार चाहेंगे मिल जायेगा. हमारे पास कम से कम अचार और मुरब्बे के एक दर्जन से ज्यादा वेराइटी रहती है. गोड्डा के राकेश कहते हैं कि पहले तो वह इलाका भी बिहार ही ना था. यहां आकर कभी अलग नहीं लगता है. आपसी सद्भाव व भाईचारे में इस मेले जैसी कहीं कोई संस्कृति नहीं. लगता ही नहीं कि हम अपने घर से बाहर हैं.

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